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Kathak Nartan (Vol-2)

Kathak Nartan (Vol-2)

SKU: 9788188827268
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-कला की विकास यात्रा संस्कृति का निर्माण करती है। संगीत हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। संगीत की तीन विधायें है-गायन, वादन तथा नृत्य । इनमें से नृत्य ही ऐसी कला है, जिसकी रसानुभूति हम श्रव्य एवं दृश्य दोनों माध्यमों द्वारा अनुभव कर सकते हैं। शास्त्रीय नृत्य कला की अनमोल पूंजी है 'कथक नृत्य' ।                                                                                                                             'कथक' उत्तर भारत की प्रसिद्ध नृत्य शैली है। 'नृत्य' ओर 'नाट्य' के तत्वों से परिपूर्ण यह शैली कथावाचकों, मंदिरों, दरबारों से होती हुयी वर्तमान में विश्व पटल के स्वर्णिम सोपान चढ़ चुकी है।                                                                                                                   प्रस्तुत पुस्तक मे कथक नृत्य से सम्बन्धित सभी कोष्ठों पर प्रकाश डाला गया है। इसमें नृत्य विशारद, प्रभाकर, बी०ए० (नृत्य), बी०म्यूज़ एवं यू० जी० सी० (नेट) के पाठ्यक्रमों को समाहित किया गया है। यह निश्चित रूप से विद्यार्थियों, अध्येयताओं एवं संगीत प्रमियों के लिये लाभदायक है।
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