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Kathak Nritya Ki Shabdavali

Kathak Nritya Ki Shabdavali

SKU: 9788188827893
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-साहित्य का संबंध नृत्य से आरै नृत्य का अविभाज्य संबंध साहित्य से रहा है। नृत्य को साहित्य से शब्द, रचना और कल्पनाओं की प्राप्ति होती है और नृत्यकला इन्हें भाव रूप प्रदान कर जीवन्त कर देता है। यह पुस्तक भी नृत्य और साहित्य के प्रगाढ़ सबंधों को विद्यार्थियों, शोधार्थियों, जिज्ञासुओं, के साथ-साथ सभी कला-प्रेमी रसिकों के मध्य प्रस्तुत करने का एक सार गर्मित प्रयास है। लेखक ने कथक नृत्य में प्रचलित अनेक शब्दों को साहित्य की दृष्टि से देखने का प्रयास किया है। कथक के नृत्त पक्ष और भावपक्ष में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न पारिभाषिक शब्दों की निर्मिति, अर्थ, प्रयोग और कथक नृत्य में उनका महत्त्च तथा उनकी भूमिका को रेखांकित करने का प्रयास लेखक द्वारा किया गया है। आशा है, कि लेखक का प्रयास कथक नृत्य और इससे सम्बद्ध साहित्य को समृद्ध करने में सहयोगी सिद्ध होगा।
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